कड़ी

क्या करोगे
जब तुम्हारे हाथ हो
भारी भरकम चेन
चेन भी एसी
कि बाँध ले हाथी भी
क्या करोगे
जब चेन की एक कड़ी हो
इतनी कमज़ोर
कि संभले ना उससे
एक बकरी भी
क्या करोगे उस चेन का
जिसकी सौ मज़बूत कड़ियाँ
घुटने टेक दें
एक कमज़ोर
कड़ी के समक्ष

मज़बूत नहीं
कमज़ोर कड़ियों से तय होता है
चेन का बल

तुम्हारे मेरे रिश्ते के बीच भी तो है
एक अदद कमज़ोर कड़ी
जो हाथी जैसे सबल रिश्ते को बना रही है
बकरी जितना कमज़ोर
आओ
मिल कर विलाप करें
इस कमज़ोर कड़ी का
रोयें
एक दूसरे के गले लग कर

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