अनुरोध

मित्रों, नमस्कार
जैसा कि आप जानते ही हैं कोरोना संकट के चलते आजकल पूरा देश अभूतपूर्व संकट में है । इस महामारी ने धीरे धीरे समाज के हर तबके को अपनी चपेट में ले लिया है । सभी के सामने स्वास्थ्य के साथ साथ आर्थिक संकट भी मुँह बाये खड़ा है । सबसे बुरी स्थिति में असंघटित क्षेत्र के श्रमिक, दिहाड़ी मज़दूर , ठेली-पटरी, रिक्शा वाले और रोज़ कमाने-खाने वाले लोग हैं । उनके सामने अपने जीवन की रक्षा से भी बड़ी चुनौती दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम करना हो चुका है । राहत का विषय है कि इस काम में समाज के अनेक जागरूक लोग आगे आये हैं और प्रतिदिन ज़रूरतमंदों को निशुल्क भोजन उपलब्ध करा रहे हैं । आप सभी के सहयोग से इस कार्य में मैंने भी यथासम्भव हाथ बटाने का प्रयास किया है ।
मित्रों आप यह भी जानते हैं कि इन दिनो क़ोविड 19 देश में अपने चरम की ओर बढ़ रहा है और हमारे शहर में भी इसके मरीज़ों की संख्या में प्रतिदिन इज़ाफ़ा हो रहा है । इस समय हम सबका फ़र्ज़ है कि हम अपने और अपने परिवार के साथ साथ अपने सगे सम्बन्धियों , मित्रों, पड़ोसियों और समाज के सभी लोगों को भी इस महामारी से बचायें । हालाँकि बचाव का सबसे महत्वपूर्ण तरीक़ा तो सोशल डिसटेंसिंग ही है मगर घर से बाहर निकलते समय मास्क के इस्तेमाल से भी हम अपनी और अपनो की रक्षा कर सकते हैं । ईश्वर की कृपा से हम और आप इस स्थिति में हैं कि अपने लिए बेहतर से बेहतर मास्क ख़रीद सकते हैं मगर हमारे शहर में लाखों लोग एसे हैं जो इस स्थिति में नहीं हैं । शहर को महामारी के चंगुल से बचाने के लिए ज़रूरी है कि घर से बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति के चेहरे पर मास्क हो । यह उस व्यक्ति के लिए ही नहीं पूरे समाज की आज पहली ज़रूरत है ।
दोस्तों आप लोगों के लगातार उत्साहवर्धन से मेरे कुछ मित्रों ने शहर में मुफ़्त मास्क वितरित करने का बीड़ा उठाया है । मेरा आपसे अनुरोध है कि आप भी इस ज़रूरी काम में सहयोग करें । वितरण के लिए दो प्रकार के मास्क का चुनाव हमने किया है । जिनमे से एक बारह रुपये का तथा दूसरा पंद्रह रुपये का है । मास्क कहाँ से मिलेंगे इसकी जानकारी आप मुझे फ़ोन करके प्राप्त कर सकते हैं । आपकी ओर से ज़रूरतमंदों को मास्क बाँटने की ज़िम्मेदारी हमारी होगी । आपसे पुनः अनुरोध है कि संकट की इस घड़ी में एक अच्छे शहरी होने का अपना फ़र्ज़ अदा करें और उन लोगों के भी जीवन की रक्षा करें जिनका जीवन आपके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है ।
सादर
रवि अरोड़ा
9873431863

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED POST

जो न हो सो कम

रवि अरोड़ाराजनीति में प्रहसन का दौर है। अपने मुल्क में ही नहीं पड़ोसी मुल्क में भी यही आलम है ।…

निठारी कांड का शर्मनाक अंत

रवि अरोड़ा29 दिसंबर 2006 की सुबह ग्यारह बजे मैं हिंदुस्तान अखबार के कार्यालय में अपने संवाददाताओं की नियमित बैठक ले…

भूखे पेट ही होगा भजन

रवि अरोड़ालीजिए अब आपकी झोली में एक और तीर्थ स्थान आ गया है। पिथौरागढ़ के जोलिंग कोंग में मोदी जी…

गंगा में तैरते हुए सवाल

रवि अरोड़ासुबह का वक्त था और मैं परिजनों समेत प्रयाग राज संगम पर एक बोट में सवार था । आसपास…