सवाल पानी की बोतल का
रवि अरोड़ा
एक कार्यालय में मेरा अक्सर जाना होता है। पहुंचते ही एक ट्रे में लेटी हुई अवस्था में रखी पानी की छोटी बोतलें पेश कर दी जाती हैं । पानी पीना है अथवा नहीं यह भी कभी नहीं पूछा जाता । इस बार गया तो पूछ लिया गया कि क्या आप पानी पीएंगे ? मेरे हां कहने पर सामने वाले ने आधी भरी हुई पानी की एक बोतल ( शायद उसकी जूठी भी हो ) झिझकते हुए मेरे आगे कर दी और शर्मिंदगी की भाव से पूछा कि क्या यह चलेगी ? इससे पहले कि मैं कुछ पूछता उसने स्वतः ही बताना शुरू कर दिया कि क्या करें भाई साहब , ढाई सौ ग्राम वाली पानी की छोटी बोतलें बाजार में आते ही गायब हो जाती हैं और अब तो उन पर ब्लैक भी चल रही है । उसने आगे बताया कि पहले आए गए को पानी पिलाने के लिए एक लड़का रखा हुआ था मगर जब से बाजार में छोटी बोतलें मिलने लगीं थीं , उसे भी हटा दिया था । उसकी बातें सुन कर मैं याद करने लगा कि कितनी सटीक बात बताई इस व्यक्ति ने । आजकल यही तो हो रहा है। जहां भी जाओ , पानी गिलास में पेश नहीं किया जाता और ये छोटी बोतल ही आगे कर दी जाती है । ब्याह शादी, उठावनी , होटल, रेस्टोरेंट और तमाम सार्वजानिक स्थानों पर यही चलन तो शुरू हो चुका है। और तो और घरों में भी अब मेहमानों को पानी गिलास में नहीं इस छोटी बोतलों से परोसा जाता है। इस मानसिकता को समझने की कोशिशों के दरम्यान मैं यह हिसाब भी लगाने लगा कि यह छोटी बोतलें देश भर में पानी पिलाने वाले कितने लोगों की नौकरी खा गई होंगी ? सार्वजानिक स्थानों और कार्यालयों की बात तो थोड़ी बहुत समझ भी आती है मगर घरों में भी ऐसा क्यों हो रहा है ? किसी मेहमान के सामने गिलास में भर कर पानी प्रस्तुत करने में भी अब हम शहरियों को आलस क्यों आने लगा है ? हमारे इस आलस्य की पर्यावरण कितनी बड़ी कीमत चुका रहा होगा ?
घर लौट कर खोजबीन शुरू की तो पता चला कि बोतल बंद पानी का फैशन हमारे अपने शहर में नहीं पूरे देश दुनिया में दिन दूनी रात चौगुनी दर से बढ़ रहा है। यही नहीं बोतल बंद पानी आज दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता व्यापार भी हो गया है और सालाना पैंतीस फीसदी की दर से आगे बढ़ रहा है। शुद्ध पानी की कमी और स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता को इस सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। कोरोना महामारी के बाद आई जागरूकता ने तो जैसे इस बाजार को लहर नहीं वरन तूफान की तरह उछाल दिया है । आंकड़े बता रहे हैं कि हर मिनट दस लाख पानी की बोतलें तो हमारे अपने देश में ही खरीदी जा रही हैं । दुनिया भर का अंदाजा लगाना है तो यह जानकारी ही काफी होगी कि पानी की खाली इन बोतलों के जरिए रोजाना ढाई करोड़ टन प्लास्टिक कूड़े के ढेरों में फेंका जा रहा है । उधर , तथ्य यह भी बताते हैं कि बेशक बेचा जा रहा कुछ पानी मिनरल भी होता है मगर बाजार में 97 फीसदी पानी केवल आरओ का ही बोतलों में भर कर बेचा जाता है। कहना न होगा कि आरओ के पानी को लेकर भी तमाम तरह की बातें हैं। फिल्टर करते समय इससे होने वाले पानी की बर्बादी को यदि भूल भी जाएं तब भी इस तथ्य से मुंह नहीं चुराया जा सकता कि आरओ से साफ किए पानी से आवश्यक मिनरल नाली में बह जाते हैं और इंसानी शरीर को आवश्यक खनिज ही नहीं मिलते ।
बेशक इस धरती पर बोतल बंद पानी की पहली फैक्ट्री साल 1767 में बोस्टन में लगी हो मगर भारत में इसका व्यापार दो सौ साल बाद 1965 में ही ठाणे में बिस्लरी ने एक प्लांट लगा कर शुरू हुआ था । यह वही बिस्लरी कम्पनी है जिसका आज भी भारत के पैकेज्ड वाटर मार्केट में 32 फीसदी की हिस्सेदारी है। जानकर बताते हैं कि आज बोतल बंद पानी देश का सबसे तेजी से बढ़ता व्यापार है । यही नहीं सील बंद पानी के क्षेत्र में भारत दुनिया का 12वां सबसे बड़ा उपभोक्ता भी बन चुका है और यह बाजार अब पचास हजार करोड़ को भी पार कर गया है । हो सकता है मेरी उक्त बातों से आपके मन में यह सवाल हो कि एक और तो मैं पानी की इन बोतलों से हो रही पर्यवरण की हानि की बात कर रहा हूं और दूसरी ओर इससे हो रहे व्यापारिक लाभ का आंकड़ा भी पेश कर रहा हूं । आखिर मेरा मूल मुद्दा क्या है ? आपका सवाल जायज है मगर उसके जवाब मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि बेशक व्यापारिक तरक्की से मुंह नहीं चुराया जाना चाहिए मगर साथ ही साथ इतना तो खयाल रखा ही जाना चाहिए कि जितने पैसे देश सालाना बोतल बंद पानी में खर्च करता है, क्या उतने पैसे से देश के हर व्यक्ति के घर तक मुफ्त साफ पानी नहीं पहुंचाया जा सकता ? साथ ही क्या हमें यह भी याद नहीं रखना चाहिए कि हमारा मुल्क दुनिया में सबसे अधिक प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करने वाला देश क्यों बन चुका है और प्रतिदिन 26 हजार करोड़ टन प्लास्टिक कचरा उत्पन कर हम अपने ही पर्यावरण का कितना नाश कर रहे हैं ? कहना न होगा कि यह कूड़ा सालाना एक करोड़ टन के आसपास बैठता होगा । मुझे नहीं मालूम कि इस कचरे में पानी की खाली बोतलों की हिस्सेदारी कितनी है मगर यह तय है कि अब जब कभी भी कोई व्यक्ति गिलास की बजाय पानी की यह छोटी बोतल मेरे सामने रखेगा तो मुझे यह सभी आंकड़े याद जरूर आयेंगे । अब आपकी आप जानें।