ये दोस्ती
रवि अरोड़ा
हमारे प्रधानमंत्री यारों के यार हैं । जिससे एक बार नाता जोड़ लिया सो जोड़ लिया । उनकी दोस्ती के चर्चे पूरे देश में होते हैं । अमित शाह से दोस्ती हुई तो एसी निभाई कि पहले उन्हें गुजरात में स्थापित किया और फिर आपराधिक मुक़दमे के बावजूद भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष और अब देश का गृहमंत्री बना दिया । अरूण जेटली पर मेहरबान हुए तो अमृतसर से चुनाव हारने के बावजूद उन्हें देश का वित्त मंत्री बना दिया । नई दिल्ली की तमाम ऊँची कुर्सियों पर उनके चहेते विराजमान हैं । अडानी और अम्बानी जैसों से उनकी दोस्ती के क़िस्से तो देश दुनिया में मशहूर हैं । इसी फ़ेहरिस्त में अब एक और नाम जुड़ने जा रहा है और वह है फ़िल्म स्टार अक्षय कुमार का । अक्षय कुमार उनके पुराने चहेते हैं और समय समय पर दोनो ही एक दूसरे के प्रति अपनी मोहब्बत का इजहार भी करते रहते हैं । विगत आम चुनाव में प्रधानमंत्री के इंटरव्यू के लिए देश भर के तमाम पत्रकारों को दरकिनार कर अक्षय कुमार को ही चुना गया था । प्रधानमंत्री की हर घोषणा के समर्थन में ट्वीट करने के लिए भी अक्षय जाने जाते हैं । कोरोना संकट में जब मोदी जी ने पीएम केयर फ़ंड शुरू किया तो उसमें सबसे पहले पच्चीस करोड़ रुपया दान करने वालों में भी अक्षय कुमार थे । हालाँकि 2019 के लोकसभा चुनावों में उनका टिकिट भी पक्का माना जा रहा था मगर शायद उनकी कनाडा की नागरिकता का कोई पेच फँस गया । मोदी जी और अक्षय कुमार की इसी कैमिस्ट्री का ही एक और उदाहरण सामने आ रहा है और वह है चाइनीज़ एप पबजी का भारतीय विकल्प फ़ौजी , जिसे अगले महीने अक्षय कुमार लाँच करने वाले हैं ।
शायद यह इत्तेफ़ाक ही हो कि देश में दो सितम्बर को पबजी पर बैन लगा और चार सितम्बर को ही अक्षय कुमार ने फ़ौजी एप की घोषणा कर दी । हालाँकि पबजी की प्रमोटर साउथ कोरिया की कम्पनी ब्लू होल है मगर चूँकि उसने भारत की फ़्रेंचाइज़ी चीनी कम्पनी टेनसेंट को दी हुई थी अतः भारत में बैन हुए 224 चाइनीज़ एप्स में पबजी का भी नाम शामिल हो गया । गेमिंग एप पबजी पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है और अब तक 73 करोड़ बार यह डाउनलोड हो चुका है । भारत में भी 17.5 करोड़ इसके डाउनलोड हैं यानि 24 परसेंट इसके ग्राहक भारतीय ही हैं । यह एप अब तक लगभग पच्चीस हज़ार करोड़ रुपये कमा चुका है । भारत में बैन लगने के बाद से ही कम्पनी में हड़कम्प है और उसने चीनी कम्पनी टेनसेंट के पब्लिश राइट भी तुरंत ख़त्म कर दिये हैं और बैन हटाने को लेकर भारत सरकार से बातचीत शुरू कर दी है । जानकर बताते हैं कि भारत सरकार इस बैन को हटाने के लिये अभी तैयार नहीं है । कहा तो यह भी जा रहा है कि अक्षय कुमार के एप फ़ौजी के लिये ही राह बनाई जा रही है ।
हालाँकि फ़ौजी एप अभी लाँच नहीं हुआ है मगर कहने वाले कह रहे हैं की यह पबजी का ही देशी वर्जन है । बेशक यह एप विशाल गोंडल और दयानिधी एमजी की कम्पनी एनकोर बना रही है मगर इसकी परिकल्पना अक्षय कुमार की ही है और कम्पनी उन्हें अपना संरक्षक बताती है । ख़ुद अक्षय कुमार ने भी घोषणा की है कि यह एप मोदी जी की योजना आत्मनिर्भर भारत से प्रभावित है । उनका यह भी दावा है कि यह एप खिलाड़ियों को फ़ौजियों के बलिदान के बाबत बताएगा और इसकी बीस फ़ीसदी आमदनी भारत के वीर ट्रस्ट को जाएगी । पबजी से बैन हटे एसी माँग तो शायद ही कोई स्वाभिमानी भारतीय करे । फ़ौजी एप से यदि सैनिकों के बाबत हमारी जानकरियाँ बढ़ती हैं और उनके सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है तो यह भी स्वागत के योग्य है । अब आप पूछ सकते हैं तो फिर इतनी लंबी कथा लिखने के पीछे मेरा क्या मक़सद है ? तो जनाब मेरा कोई मक़सद नहीं है । मैंने तो बस मोदी जी के सम्मान में यह सब लिखा कि दोस्त हो तो मोदी जी जैसा ।