(दूसरी कड़ी )

स्वर्गीय गोपाल कृष्ण कॉल , स्वर्गीय सुदर्शन कुमार चेतन , स्वर्गीय ब्रजनाथ गर्ग , श्री कुलदीप तलवार , स्वर्गीय शिवेंद्र कुमार परिवर्तन , स्वर्गीय अमरनाथ सरस , स्वर्गीय हरप्रसाद शास्त्री और स्वर्गीय कन्हैयालाल मत् जैसे लोग अखबारों में लिखते पढ़ते थे । यह वह दौर था जब जुझारू पत्रकार स्वर्गीय डीके दास विधि शहर भर की निगाहों में रहते थे जोकि शूरवीर के नाम से अपना साप्ताहिक अखबार निकालते थे । इस अख़बार की कीमत थी मात्र पाँच पैसा । विधि साहब को घंटे वाले बाबा के नाम से भी लोग जानते थे। अपना अख़बार बेचने का उनका तरीका भी निराला था और वह घंटा बजा बजा कर अपना अखबार बेचते थे । वह आवाज लगा लगा कर लोगों को ताजा खबरें भी बताया करते थे। हालाँकि उन खबरों में से अधिकांश उनके समाचार पत्र में होती नहीं थी । उसी दौर में स्वर्गीय श्याम सुँदर वैद ने साप्ताहिक अख़बार युग करवट , स्वर्गीय चंद्रभान गर्ग ने इंसान , स्वर्गीय जय प्रकाश गर्ग ने ग़ाज़ियाबाद टाइम्स , स्वर्गीय तेलूराम कम्बोज ने प्रलंयकर और स्वर्गीय विजय सेख़री जी ने हिंट अंग्रेज़ी का प्रकाशन शुरू किया था । गाजियाबाद टाइम्स का साप्ताहिक कॉलम ‘ कहेंगे तो कहोगे कि कहते हैं ‘ लोगों की निगाहों में रहता था । यह कॉलम साहित्यकार स्वर्गीय सुदर्शन कुमार चेतन लिखते थे । ग़ाज़ियाबाद टाइम्स और इंसान तो बंद हो गए मगर अन्य अख़बारों ने ख़ूब तरक़्क़ी की । हिंट अब समाचार समूह है और स्वर्गीय विजय सेख़री जी के पुत्र श्री कमल सेख़री और पोत्र श्री सामंत सेख़री उसका संचालन करते हैं । वैद्य जी के निधन के बाद दशकों तक उनके पुत्र श्री सुशील शर्मा ने साप्ताहिक युग करवट का सफल प्रकाशन किया और अब इसी शीर्षक से श्री सलामत मियाँ एक शानदार दैनिक निकलते हैं । ( क्रमशः )

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