थोड़ी थोड़ी पिया करो

रवि अरोड़ा
शायद साल 1995 की बात है। नवरंग सिनेमा हॉल में पंजाबी बिरादरी के एक कार्यक्रम में मशहूर आईपीएस अफसर किरण बेदी आईं थीं। अपने भाषण में उन्होंने पंजाबियों की सिफतों का गुणगान कम किया और शराब पीने की उनकी आदत को अधिक कोसा । उन्होंने हैरानी जताई कि पता नहीं क्यों शराब देखते ही पंजाबियों की लार टपकने लगती है। हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को कथित तौर पर जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर जहाज़ से उतारने की ख़बर सुन कर किरण बेदी बहुत याद आईं। उधर, पता चला कि अपने एक सप्ताह के जर्मनी प्रवास में भगवंत मान आख़िरी दिन दुनिया के सबसे बडे़ बेवरेज फेयर में भी गए थे। बताते हैं कि इस फेयर में दुनिया की तमाम शराब कंपनियां भी हिस्सा लेती हैं। हो सकता है शराब देखकर मान साहब का मन मचल गया हो। अब हैं तो वो पंजाबी ही , शराब देख कर मुंह में पानी आना तो लाजिमी है । हालांकि शराब पीकर हंगामा करने और अपनी व दूसरों की इज्जत से खिलवाड़ करने वालों से मुझे चिढ़ होती है मगर इस बार शराब के नशे में धुत्त होकर फ्लाइट पकड़ने की कोशिशों को लेकर मान का नाम उछलने पर मुझे जरा सी भी कोफ्त नहीं हुई । मैं तो बस आशंकाओं से घिरा हुआ हूं कि कहीं भगवंत मान के खिलाफ कोई जाल तो नहीं बिछाया गया था और कमजोर मना मान उसमें फंस गए ? वरना ऐसा कैसे हुआ कि आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल को तो विदेश जाने की स्वीकृति केंद्र सरकार ने नहीं दी और भगवंत मान को तुरंत दे दी क्योंकि अपने विदेशी दौरे में उन्हें इस बेवरेज फेयर में भी हिस्सा लेना था । जाहिर है कि शराब को लेकर बदनाम व्यक्ति जब ऐसे किसी मेले में जायेगा जहां दारू बरस रही हो तो उसके कदम बहक ही जायेंगे । जब उसके कदम बहकेंगे तो उसे और उसकी पार्टी को बदनाम करने का मौका भी मिलेगा ।
भगवंत मान ही नहीं शराब पीने को लेकर अधिकांश पंजाबी बदनाम हैं। पंजाबियों में शराब को लेकर इतना क्रेज है कि 2 करोड़ 97 लाख की आबादी वाले इस राज्य में सरकारी आंकड़ों के अनुसार साढ़े सत्ताइस करोड़ शराब की बोतलों की सालाना खपत है। मुल्क में छत्तीसगढ़ के बाद पंजाब दूसरा राज्य है जहां सर्वाधिक शराब पी जाती है। हालांकि शराब के मामले में पूरे देश की स्थिति एक जैसी है और एक सर्वे के अनुरूप देश के एक तिहाई पुरूष शराब पीते हैं जबकि दुनिया का यह आंकड़ा मात्र 16 फीसदी है। आलम यह है कि हम भारतीय अमेरिका से भी तीन गुना अधिक शराब पीते हैं और चीन के बाद हम दुनिया में दूसरे बडे़ शराब उपभोक्ता हैं। बात पंजाब की हो रही है तो यह जानना भी बेहद जरूरी है कि पंजाब और अन्य राज्यों में मूलत फर्क बस यह है कि पंजाब में लोग शराब को लेकर पाखंडी नहीं हैं और छुप छुप कर नहीं वरन अपने परिवार में बैठ कर खुलेआम पीते हैं। शायद यही वजह रही कि शराब पीने को लेकर बदनाम होने के बावजूद भगवंत मान पंजाब के सबसे बडे़ नेता बन कर उभरे। संगरूर से दो बार भारी मतों से सांसद चुने जा चुके मान इस बार विधान सभा चुनावों में अपनी पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे और उन्हें राज्य के रिकॉर्ड 79 फीसदी मिले और कुल 117 सीटों में से 92 पर उनकी आम आदमी पार्टी का कब्जा हो गया । हालांकि भगवंत मान घोषणा कर चुके हैं कि उन्होंने शराब छोड़ दी है। हो सकता है कि यह सच भी हो और लुफ्थांसा एयरलाइंस वाला मामला फर्जी निकले मगर फिर भी उसने इतनी सलाह तो देने का मन करता ही है कि साहब जरा छुप छुप कर पिया करो, जैसे अन्य नेता लोग करते हैं। और हां थोड़ी थोड़ी पिया करो।

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