केजरीवाल की बेताल पच्चीसी
रवि अरोड़ा
क्षमा करना अरविंद केजरीवाल जी मुझे अब आपकी बुद्धि पर तरस आने लगा है। क्या करूं, आप बात ही ऐसी बचकानी करते हैं। अब बताइए, आप विश्व गुरू महामना मोदी जी से उनकी डिग्रियां मांग रहे हैं ? भला ऐसा भी होता है कहीं ? कोई करता है भला ऐसा ? चलो सवाल करने वाले करें मगर ऐसी बातों का जवाब देता है क्या कोई ? आपकी हिम्मत ही कैसे हुई ऐसे सवाल का जवाब मांगने की जिसका उत्तर इस धरा पर खोजा जाना अभी बाकी है ? वैसे केजरीवाल जी सवाल तो आपसे पूछा जाना चाहिए । आप जवाब दीजिए कि मोदी जी ने जब नौ सालों में बड़े से बड़े किसी सवाल का जवाब नहीं दिया तो आप भला होते कौन हैं जो इस तरह के टटपूंजिया सवाल करें ?
देश के प्रधानमंत्री को अनपढ़ कहने की आपकी हिम्मत कैसे हुई ? आप क्या समझते हैं, मोदी जी के आएं बाएं के चार छः वीडियो के दम पर आप उन्हें कम पढ़ा लिखा साबित कर देंगे ? चुनाव आयोग, सूचना आयोग और तमाम अदालतें आपकी खाला जी का घर हैं क्या ? हो सकता है कि अति उत्साह में मोदी जी ने कभी कह दिया होगा कि मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं। कभी दे दिया होगा टीवी पर इन्टरव्यू कि मैं केवल दसवीं पास हूं। मैकेनिकल इंजीनियर वाला इंटरव्यू भी कोई बता रहा है। क्या अब ये इन्टरव्यू साबित करेंगे हमारे साहब की पढ़ाई लिखाई ? उन गर्मागर्म डिग्रियों का कोई मतलब नहीं जो अमित शाह ने कई साल पहले प्रेस कान्फ्रेस में दिखाई थीं ? बच्चों का खेल है क्या एंटायर पॉलिटिकल साइंस में एमए करना ? कोई है माई का लाल देश में जो हमारे साहब के अलावा आजतक यह डिग्री हासिल कर पाया हो ? अब ढूंढते रहो डिग्री का फॉन्ट और निकालते रहो उसकी स्पेलिंग में मीन मेख। करते रहो बकवास कि आज तक कॉलेज के जमाने का मोदी जी का कोई प्रोफेसर कोई संगी साथी सामने क्यों नहीं आया ? केजरीवाल तुम समझ ही नहीं सकते अवतारी लोगों का महात्म्य । बकौल सगीना इन महान लोगों की बातें क्या समझे तुम नीचा ।
मिस्टर केजरीवाल आप ही बताइए माननीय मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं या कोई स्कूली मास्टर जो हर उठे सवाल का जवाब दें ? वो देश चलाएं या आलतू फालतू सवालों के जवाब देते फिरें ? कभी कोई पूछता है कि विदेशों से आया काला धन कहां है ? कोई पूछता है कि बेरोजगारी दूर करने की बातें अब वे क्यों नहीं करते ? कोई महंगाई दूर करने की तो कोई किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी सवाल करता है । कोई नोटबंदी के फायदे पूछता है तो कोई पीएम केयर का हिसाब मांगता है । कोई कोई तो अभी भी कोरोना में हुई मौतों पर ही अटका हुआ है और उनका आंकड़ा पूछता है । कोई अडानी अंबानी, बुलेट ट्रेन, मेक इन इंडिया और डॉलर के बढ़ते दाम की कथा लेकर बैठ जाता है। अब आप ही बताइए मोदी जी देश चलाएं या इन बेकार के सवालों के जवाब दें ? सच सच बताओ आप देश को विश्व गुरू बनाना चाहते हो कि नहीं ? देश को फाइव ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाना है कि नहीं ? चीन को लाल लाल आंखों से डराना है कि नहीं ? 2022 मेरा मतलब है 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना है कि नहीं। यदि हां ! तो कृपया खुद भी शांत रहो और विपक्ष की पूरी वानर सेना को भी समझाओ और बेताल पच्चीसी की तरह रोज रोज नई नई कहानियां न सुनाओ। मोदी जी अपने बेतालों की नैया पार लगा रहे हैं और उन्हें चुपचाप यह काम करने दो।