हो कुछ भी सकता है

रवि अरोड़ा
साल भर पहले मुंबई गया था । टैक्सी वाला हमें एयरपोर्ट से नवीं मुंबई ले जा रहा था । हमें अजनबी जान कर वह खुद ही आसपास के इलाकों के बारे में बताने लगा । पता नहीं रास्ता उधर से ही था या ड्राइवर गाड़ी घुमा कर ले गया मगर थोड़ी देर बाद उसने हमें बताया कि हम अब मुकेश अंबानी के घर के पास पहुंच गए हैं । मुझे समझते देर नहीं लगी कि दुनिया का दूसरा सबसे महंगा यह घर भी अब टूरिस्ट प्लेस है और फिल्मी सितारों के बंगलों की तरह लोग बाग इसे भी देखने आते होंगे । अब जिन्हे इस घर का पता मालूम है ,वह स्वत: आ जाते होंगे और बाकी लोग पूछते पाछते यहां पहुंच जाते होंगे । कहने की जरूरत नहीं कि हम हिन्दुस्तानियों की यह खास अदा है कि बीहड़ से बीहड़ जगह भी जाना हो तो हम पता पूछते पूछते पहुंच ही जाते हैं । मगर मुल्क के ताज़ा हालात बताते हैं कि किसी का पता पूछना भी अब जुर्म हो चला है। मुकेश अंबानी के घर का पता पूछने के ऐसे ही एक मामले में अब दो आम हिन्दुस्तानी खबरों में हैं और आजकल स्थानीय पुलिस के सवालों से जूझ रहे हैं ।

समझ नहीं आ रहा कि तीन दिन से जिस बात के लिए समाचारों में हो हल्ला मचा है , उससे संबंधित सामान्य से सवाल भी पुलिस अथवा अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने खुद से क्यों नही किए ? क्या कोई आतंकी वारदात की साजिश होती तो क्या आतंकी पता पूछते पूछते मुकेश अंबानी के घर जाते ? क्या उनके पास पहले से घर के आसपास ही नही घर के भीतर का भी नक्शा नहीं होता ? क्या आतंकी इतने लल्लू होते हैं कि वे अपने फोन पर गूगल मैप चलाना भी नहीं जानते होंगे ? इंटरनेट पर मुकेश अंबानी के घर के बाबत जब वह जानकारी भी उपलब्ध है , जो अंबानी को भी नहीं पता होगी फिर भला कोई उसका पता पूछ कर वहां वारदात करने जायेगा ? खबरें आ रही हैं कि पुलिस ने एक टैक्सी वाले से अंबानी के घर का पता पूछने वाले एक आदमी को अब हिरासत में ले लिया है । जैसा कि उम्मीद की ही जानी चाहिए थी , वह सामान्य पर्यटक ही था और जिज्ञासावश इस भव्य घर को देखना चाहता था । आप कहेंगे कि चलो बात खत्म हुई मगर पता नहीं क्यों मुझे ऐसा नहीं लगता । बात इतनी सामान्य नहीं हो सकती जितनी कि दिख रही है । इसके पीछे कोई बड़ा आइस बर्ग हो , इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता ।

पूरी दुनिया को पता चल गया है कि मुकेश अंबानी ने लंदन के पास तीन सौ एकड़ में फैला 592 करोड़ का एक घर और खरीदा है । खबर फैली थी कि मुकेश अंबानी अब मुंबई की बजाय लंदन में रहेंगे । हालांकि उनकी कंपनी ने इसका खंडन कर दिया है मगर इस खबर से मुकेश अंबानी और उनके चहेतों की बहुत किरकिरी हुई है । माना जाता है कि मोदी सरकार में अडानी के बाद सर्वाधिक फायदा जिस उद्यमी को हुआ वह मुकेश ही हैं । मोदी शासन में उनकी संपत्ति में हुई बेतहाशा वृद्धि भी कुछ यही चुगली करती है । इस मामले में सोशल मीडिया पर तो यह तक कहा गया कि देश को दो गुजराती बेच रहे हैं और दो खरीद रहे हैं । इस तरह की चर्चाओं का केंद्र व्यक्ति अचानक जब मुल्क छोड़ कर चला जाएगा तो यकीनन उसकी ही नहीं वरन उसकी खैर ख्वाह सरकार पर भी उंगलियां उठेंगी । पिछली बार अंबानी के घर के बाहर एक इसयूवी गाड़ी में मिले विस्फोटक और मुकेश को जेड प्लस और उनकी पत्नी को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा से भी जोड़ कर देखा गया था । एक बार फिर मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा का मुद्दा हवा में उछला है । कहीं ऐसा तो नहीं कि मुकेश अंबानी के लंदन शिफ्ट होने की तैयारी को उचित ठहराने के लिए कोई खेल किया जा रहा हो ? मुआफ़ कीजिए मैं कोई आरोप नही लगा रहा मगर यह तो आप भी मानेंगे कि इस देश में अब हो कुछ भी सकता है ।

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