बात इस नए पिटबुल की
रवि अरोड़ा
लखनऊ में अपने मालिक की मां पर पिटबुल नस्ल के कुत्ते द्वारा घातक हमला करने की घटना आपको अवश्य याद होगी। यह ऐसी घटना थी जिससे कुत्तों से प्रेम करने वाले ही नहीं उन्हें ना पसंद करने वाले भी कांप उठे थे । वैसे आपका तो मुझे पता नहीं मगर इस हादसे के बाद मुझे इस नस्ल के बाबत इतनी जिज्ञासा हुई कि उससे संबंधी दर्जनों लेख पढ़ मारे। हालांकि यह देख कर हैरानी भी हुई कि सभी लेखों में चार पैर वाले पिटबुल का तो जिक्र था मगर उस आधुनिक पिटबुल का कहीं कोई उल्लेख नहीं है जो उसका नया अवतार है। देखने में उतना ही सुंदर और शक्तिशाली, एनर्जी भी उतनी ही है और दिन भर दौड़ने पर भी नहीं थकता। पुराने पिटबुल के बारे में तो केवल अफवाहें ही हैं मगर इस आधुनिक पिटबुल की तो खासियत ही यही है कि वह जिस पर एक बार दांत गड़ा दे फिर तब तक नहीं छोड़ता जब तक कि शिकार का मांस उसके मुंह में नहीं समा जाता । पाला दोनों को चोरों से अपनी हिफाजत के लिए ही जाता है मगर अक्सर उसकी ताकत मालिक पर ही भारी पड़ जाती है। क्या आप अभी तक नहीं समझे ? जनाब मैं सोशल मीडिया की बात कर रहा हूं।
पिटबुल के इस आधुनिक अवतार के दांतों का हम लगभग रोज़ ही शिकार हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से यह पिटबुल कुछ ज्यादा ही कटखना हो चला है। अब नोएडा के श्रीकांत त्यागी वाले मामले को ही ले लीजिए। सोशल मीडिया की ताकत से दिल्ली और लखनऊ तक हिल गए। पिटबुल ऐसे चिल्लाया जैसे नोयडा में कानपुर वाले विकास दुबे का ही पुनर्जन्म हो गया हो। बेशक श्रीकांत ने जो किया था, वह घोर निंदनीय है मगर पिटबुल के ताकतवर जबड़ों को खुलवा कर देखा तो जाता कि उसने क्या किया ? उसने इतनी जोर से काटा कि पूरा मुल्क ही हिल गया । सच कहूं तो लखनऊ वाली घटना से भी ज्यादा। आला नेता घबरा उठे, पुलिस की कई टीमें ऐसी दौड़ीं जैसे अंतराष्ट्रीय स्तर की कोई आतंकी वारदात हो गई हो। किसी ने नहीं कहा कि नोएडा में जो हुआ ऐसा तो देश के हर कस्बे में रोज़ होता है और पुलिस कार्रवाई तो दूर उसकी तहरीर तक नहीं लेती। मीडिया ट्रायल के दौर में सोशल मीडिया ट्रायल की इस घटना से अब चहुओर पिटबुल जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं और मौके की नज़ाकत भांप कर कथित राष्ट्रीय मीडिया भी श्रीकांत त्यागी के जीवन की पीपली लाइव बना रहा है ।
दूसरों की क्या कहूं, मैं खुद इसका ताजा शिकार हुआ हूं। बुधवार की रात बड़ी बहन ने फरमान जारी कर दिया कि राखी बंधवाने के लिए सुबह 10 बजे तक तैयार मिलना । पिटबुल ने उसे बताया था कि शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक ही है । उसके बाद भद्रा लग जायेगी और उसके काल में राखी बांधने से ना जाने क्या अनर्थ हो जायेगा । हालांकि कुछ पिटबुलों ने यह भी कहा कि यह सब बकवास है मगर शुभ अशुभ के फेर में फंसे लोगों के मनों में तो पहले पिटबुल ने वहम डाल ही दिया था ।
अपने मोदी जी की ही बात करें। लोगबाग बताते हैं कि आधुनिक पिटबुल ही मोदी जी को केंद्र में लाया था । उसी की बदौलत एक एक भारतीय तक उनके द्वारा दिखाए गए सपने, दावे और वादे पहुंचे थे। मगर ना जाने क्यों खूब सेवा करने के बावजूद यह पिटबुल आजकल उन्हीं पर गुर्रा रहा है। यही नहीं महंगाई, गरीबी, काला धन, बेरोजगारी और सबको पक्के मकान जैसे उनके पुराने वीडियो निकाल निकाल कर उनकी जग हंसाई भी करवा रहा है। मोदी जी ने आज़ादी के 75 साल पर हर घर पर झंडा लगाने का आह्वान किया मगर पिटबुल भौंक उठा कि सरकार जबरदस्ती झंडा बेच रही है। चलिए छोड़िए,पिटबुल के सैंकड़ों किस्से तो आपकी भी निगाह से रोज़ गुज़रते ही होंगे। मैं क्या बताऊं। मेरी तो बस आपको एक ही सलाह है कि यह ध्यान रखना पिटबुल की लगाम आपके हाथ में ही हो, ऐसा न हो कि वो ही आपको हांकता फिरे ।