पीपुल टुडे

मित्रों छः साल पहले पीपुल टुडे शीर्षक से एक समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया था । किन्हीं कारणों से यह प्रकाशन बंद हो गया । आपके आशीर्वाद से एक मासिक पत्रिका के रूप में पीपुल टुडे पुनः पाठकों के समक्ष आ गया है । इस पत्रिका में देश के जाने माने पत्रकारों के सम सामयिक विषयों पर उम्दा लेखों का समावेश होगा है । कृपया पत्रिका का अवलोकन कर उसके बाबत अपनी बहुमूल्य राय से मुझे अवगत कराने का कष्ट करें ताकि अगले अंकों में एच्छिक सुधार किये जा सकें। सादर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED POST

जो न हो सो कम

रवि अरोड़ाराजनीति में प्रहसन का दौर है। अपने मुल्क में ही नहीं पड़ोसी मुल्क में भी यही आलम है ।…

निठारी कांड का शर्मनाक अंत

रवि अरोड़ा29 दिसंबर 2006 की सुबह ग्यारह बजे मैं हिंदुस्तान अखबार के कार्यालय में अपने संवाददाताओं की नियमित बैठक ले…

भूखे पेट ही होगा भजन

रवि अरोड़ालीजिए अब आपकी झोली में एक और तीर्थ स्थान आ गया है। पिथौरागढ़ के जोलिंग कोंग में मोदी जी…

गंगा में तैरते हुए सवाल

रवि अरोड़ासुबह का वक्त था और मैं परिजनों समेत प्रयाग राज संगम पर एक बोट में सवार था । आसपास…